Pages

Wednesday 7 December 2011

आज हंसा कुछ यूं खुलकर .....

जिंदगी को जिया है यूं ही 
छोटी सी आशा बुनकर 
याद आज कुछ ऐसा आया 
आज हंसा कुछ यूं खुलकर 

1 comment:

आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''