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Friday 9 December 2011

यूँ तो कहने को .... साथ है मेरे सारा जमाना...

यूँ तो कहने को ....
साथ है मेरे सारा जमाना 

मगर चाहता हूँ मैं .....
जिंदगी में कुछ कर दिखाना 
अब देखना है की .....
चमकू सितारों की तरह 
या बन के रह जाऊ ....
वक़्त का इक फ़साना 

यूँ तो कहने को ....
साथ है मेरे सारा जमाना 

लेकिन ये बाते है नसीब की 
क्या सुनोगे कहानी इस गरीब की 
पल पल जिसको वक़्त ने मारा 
किसी ने दिया ना कोई सहारा 
जिंदगी क्या है तब मैंने जाना 

यूँ तो कहने को ....
साथ है मेरे सारा जमाना 

2 comments:

  1. sahare ki ummid se kabhi aage jane ki koshis nahi karani chahiye, nahi sochana chahiye
    mehnat se jo hasil ho usame santosh,sukh or garv ka ahsas hota hai..

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  2. koshishen zaari rakhen
    aaj nahi to kal manzile saamne khu-b-khud aayengi...

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पी के ''तनहा''