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Thursday 8 November 2012

अजनबी बनके आया थे, तेरे शहर में............

वक़्त को मैंने, मजबूर होते देखा !

अपनों को अपनों से दूर होते देखा !!

जिनका नाता नही था, ख्वाबो से कभी !

उन्ही को ख्वाबो में, चूर होते देखा !!

आँख जिनसे, मिलाने से डरते थे कभी !

उन्ही को आँखों में डूबता देखा !!

और जो हँसते थे, कभी इश्क की बातो पर !

उन्ही पर , मोह्हबत का सुरूर देखा !!

अजनबी बनके आया थे, तेरे शहर में !

अपने आप, को मैंने मशहुर होते देखा !!

पी के ''तनहा''

Monday 5 November 2012

हसरते मगर, मेरी तनहा ही जली है,.....

तकदीर ने जिंदगी पल पल छली है !
उदासी ये शायद, विरासत में मिली है !!

मैं इंतज़ार करता रहा, एक सुबह का !
मगर रोज़ यहाँ, बस रात ही ढली है !!

यादों के काफिले, मिलने तो बहुत आये !
हसरते मगर, मेरी तनहा ही जली है !!


पी के ''तनहा''

Wednesday 31 October 2012

मत पूछो, दास्तान उन पलो की मुझसे

आज फिर हम उनके ख्यालो में खो गये !
 
हमको खबर ना रही, की उनकी बाहों में सो गये !!
 
मत पूछो, दास्तान उन पलो की मुझसे !
 
जिनमे हम उनके,और वो हमारे हो गये !!  
 
              पी के ''तनहा''

Monday 29 October 2012

बस, लाज रख लेना मेरे प्यार की..

सोचता हूँ आज लिख ही दूं !
वो सब, जो नही कह पाया !!
तुमसे ...
मगर कहना चाहता हूँ !
मैं तुझमे रहना चाहता हूँ !!
मैं तुझसे दूर रहकर ....
सोच के सागर की गहराइयों में बहकर ...
तन्हाई भरी आहों में....
कुछ ख्वाबो की बाहों में...
तुझको और सिर्फ तुझको..
निरंतर लिखता गया ...
मगर आज भी ये आलम है ...
की ये आँखें प्यासी है तेरे दीदार की...
चाहत है एक झलक दिख जाये मेरे यार की...
मुझे , मेरी ख्वाहिश की परवाह नही...
बस, लाज रख लेना मेरे प्यार की......
 
पी के ''तनहा''  

आज कुछ सुनाने को जी चाहता है ......

आज कुछ सुनाने को जी चाहता है !
तुम्हे अपना बनाने को जी चाहता है !!
 
तेरी यादों में लिखे, जो गीत ''ओ'' ग़ज़ल !
आज उन्हें गुनगुनाने को जी चाहता है !!
 
मैं, मेरी तन्हाई से , ''तनहा'' सा हो गया !  
मुझे करना था कुछ, मुझसे  क्या हो गया !!
 
एक अरसे से थी , बेरंग मेरी दुनिया !
आज महफ़िल सजाने को जी चाहता है !!
 
तेरी यादों में लिखे, जो गीत ''ओ'' ग़ज़ल !
आज उन्हें गुनगुनाने को जी चाहता है !!
 
                                    
                                     पी के ''तनहा''
 
 
 
  

Thursday 18 October 2012

ये आँखें भी कितनी अजीब है ....

ये आँखें भी कितनी अजीब है !
हमारे दिलो के कितने करीब है !!


अनदेखे, अंजानो से प्यार करती है !
ख़ामोशी की भाषा में, इज़हार करती है !!
इन्ही से, दिलो में हलचल होती है !
एक ख़ुशी सी हरपल होती है !!
और कितनी अजीब है ये .......
की खुद ही प्यार की अलख जगाती है !
और खुद ही बैठ के रोती है !!

look @ new one

Friday 28 September 2012

ना जाने कितने गम सहता हूँ...........

सोचता हूँ ...
आज कह ही दूं ...
मगर फिर सोचता हूँ की
कैसे कहूँ ...
आज कह ही दूंगा
ये सोच कर जाता हूँ
और उनके पास आते ही सोचता ही रह जाता हूँ
अब सोचता हूँ की ...
मैं इतना क्यों सोचता हूँ ...
ये ही सोच - सोच के ...
सोचता रहता हूँ ...
ना वो मिलते  है मुझको  ..
ना मैं उनके साथ रहता हूँ ...
और उनके लिए ...
ना जाने कितने गम सहता हूँ ...
मगर फिर सोच में पड़ जाता हूँ ...
कभी वक़्त से लड़ जाता हूँ ...
कभी जिद पर अड़ जाता हूँ ..
मगर फिर सोच को वहीँ खड़े पाता हूँ
की मैं क्यों सोच रहा हूँ ........ 

Thursday 6 September 2012

ना बन पाई कोई कहानी ....

तुमको सुना रहा हूँ , एक प्यार की कहानी !
सूरत से आप जैसे, मेरे यार की कहानी !! मेरठ शहर वो आया, अरमां अपने लेकर ! अपनों को छोड़ आया,अपनों से दूर होकर !! वो शहर रोज़ आता , कुछ बनने के वास्ते ! मंजिल बहुत कड़ी थी, मुश्किल थे रास्तें !! रोज़ नई सड़क पे जाकर , करता था इंतज़ार ! उसको खबर नही थी , यूँ हो जायेगा प्यार !! एक मासूम सी लडकी, थी पास से गुजरती ! मेरे यार की निगाहें, उस पर थी अटकती !! एक दिन मुझे बुलाकर , कुछ यूँ करके बोला ! मुझे प्यार हो गया है , ये राज़ मुझसे खोला !! समझाया मैंने उसको, तुने ये क्या किया ! तू जानता है उसको , जिसको ये दिल दिया !! बोला वो की , उसका कुछ भी पता नहीं है ! नादाँ है वो इतनी , मेरी खता नहीं है !! बिन उसके अब मुझसे, जिया नही जायेगा ! देखना एक दिन, प्यार मेरा रंग लायेगा !! होकर उदास मैं बोला , सच्चा है तू दीवाना !पर सच्चे प्यार को पगले,किसने यहाँ पहचाना !! खुदा करे प्यार तेरा, तुझको यारा मिल जाये ! तेरे लिए उसके दिल में , फूल प्यार के खिल जाये !! पर किस्मत ही कुछ ऐसी थी,ना इज़हार हुआ , इकरार हुआ ! मोह्हबत में, मेरे यार का जीना भी दुश्वार हुआ !! तुम ही बताओ यारो , किसकी खता बताऊ ! इन अंजानो, दीवानों में, किसको सजा सुनाऊ!! ना दोनों मिल पाए, ना बन पाई कोई कहानी ! पलकों पर है उसका चेहरा, और आँखों में बहता पानी !!
BY : PK SHARMA

Monday 13 August 2012

है आँखों में पानी, और दिल ये उदास ...

कुछ तेरी निशानी, जिंदा है मेरे पास !
है आँखों में पानी, और दिल ये उदास !!

कुछ टूटे से सपने, कुछ छूटे हुए अपने !
तेरे जाने से , सब मेरे बेरंग एहसास !!


         ### पी के शर्मा ###

Thursday 9 August 2012

हंसते हुए भीग जाती है अक्सर आँखें.....

 जाने किस किस की आस होता है !
कोई चेहरा जब भी उदास होता है !!
 
उसकी उदासी पे मत जाना , तुम !
ये तो अपना अपना लिबास होता है !! 
 
और कितना ही ठुकरा दे ज़माना !
वो किसी के लिए तो खास होता है !! 
 
हंसते हुए भीग जाती है अक्सर आँखें ! 
वो चेहरा मेरे जब भी पास होता है !!

Monday 6 August 2012

बच्चे को देख कर आंसू निकल रहे थे ....

तुमको सुना रहा हूँ एक गाँव की कहानी 
सूरत से आप जैसे इन्सान की कहानी 
बस्ती से थोडा हटके एक झोपडी खड़ी थी 
भादो की रात काली ले मोर्चा अड़ी थी 
सैलाब आ गया था बारिश घनी हुई थी 
हर बार की तरह ये कुछ बात न नई थी 
बच्चा था उम्र १० थी चेचक निकल रही थी 
सोले फफोले टाँके सब देह जल रही थी 
दमड़ी न पास में थी न पास में था जेवर 
कोई उधार क्यों दे इन्सान खुश्क बेजर
माँ बाप दोनों रातों करवट बदल रहे थे 
बच्चे को देख कर आंसू निकल रहे थे 
लो बाप उठ के बैठा कोई सवाल लेकर 
या बेबसी का आलम कोई जमाल लेकर 
सोचा अपने आप को ही कोई सजा दूं 
अब मैं अपने लाल को  क्या दवा दूं 
इन सब से अच्छा है इसका गला दबा दूं 
चेचक से मर गया था यह गाँव में हवा दूं 
बेटे के पास जाकर जैसे गला दबाया 
आवाज़ पर न निकली और कंठ भर के आया 
ममता आ कर बोली कैसा ये बाप है तू 
किस जनम का बैरी है , सांप है तू 
अब तुम ही बताओ यारो किसकी खता बताओ 
सामिल है अहले भगवान, किसको सजा सुनाओ 
एक अनुरोध :-इस मंच पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, बस जाने से पहले एक गुजारिश है साहब की- 'कुछ तो कहते जाइये जो याद आप हमको भी रहें, अच्छा नहीं तो बुरा सही पर कुछ तो लिखते जाइये

Friday 3 August 2012

इस हसने की चाह ने मुझे कितना रुलाया है...


इस हसने की चाह ने मुझे कितना रुलाया है !
हमदर्द नहीं है कोई, बस दर्द मेरा साया है !! 
 
इस मतलबी जिंदगी पर कैसे यकीं कर लू !
मेरी आह पर लोगो को प्यार आया है !!
 
सपने भी छलते रहे मुझको , मुझसे ही !
हर बार लगा जैसे , लौट तू आया है !!
 
इस हसने की चाह ने मुझे कितना रुलाया है !
हमदर्द नहीं है कोई, बस दर्द मेरा साया है !! 

Wednesday 1 August 2012

कहता है मेरी आँखों का पानी ............

कहता है मेरी आँखों का पानी !
सुनलो जरा तुम मेरी कहानी !! 
 
चंद यादें ही बची है पास मेरे !
रूठी है जबसे , सपनों की रानी !!

दिल का दरिया, कबसे है कह रहा !
लौट आओ, तुम बनकर दीवानी !!

यादें भी तेरी मिट रही है अब तो !
दे जाओ कुछ तो अपनी निशानी !!

जिंदगी बिन तेरे , ये  हुई कुछ ऐसी !
जिंदा हूँ, मगर ना है जिंदगानी !!

कहता है मेरी आँखों का पानी !
सुनलो जरा तुम मेरी कहानी !! 

Monday 30 July 2012

जिंदगी से कुछ पूछना चाहता हूँ ....

जब छोटा था , तब एक नाम सुना था जिंदगी ........
आज तक उसको ही सोच रहा हूँ ...की मैं क्यों सोच रहा हूँ...............
लोग कहते हैं की ... जिंदगी एक हसी ख्वाब है ..
मगर मैंने इसको जीकर देखा तो लगा ....की ......
जिंदगी अश्को की किताब है ...
जो जब चाहे . इन आँखों से बरसात करा सकती है ...
लेकिन उसका भी एक अलग ही आनंद हैं  ..
जिसमे सिर्फ दर्द ही दर्द झलकता हैं ....
खुशियाँ तो सभी के हिस्से में आ जाती है ..मगर ..
दर्द किस्मत वालो को ही मिलता है ....
और जाते जाते यूँ जिंदगी से कुछ पूछना चाहता हूँ ....की ....
 
इस तन्हाई में ,उदासी के कोई गीत तो गाये !
बहुत सह चुके , इस दर्द को कोई तो समझाए !!
मुझे मुस्कान के बदले , मिली अश्को की सोगाते !
ऐ ''हमसफर'' आकर जरा बता मुझको ......
इस जिंदगी को अब कैसे जिया जाये !!
 
प्रस्तुतकर्ता :- पी के शर्मा   

Thursday 26 July 2012

बहुत आसाँ है रो देना

बहुत आसाँ है रो देना, बहुत मुश्किल हँसाना है
कोई बिन बात हँस दे-लोग कहते हैं "दिवाना है"

किसी की दोस्ती हो तो कड़ी राहें भी कट जाएँ
यहाँ हर  रिश्ते हैं जो अब मुश्किल निभाना है

मेरी मजबूरियों को तुम ख़ुशी का नाम मत देना
यहाँ तुम भी नहीं हो अब बड़ा मुश्किल ज़माना है

बहुत आसाँ है रो देना, बहुत मुश्किल हँसाना है
कोई बिन बात हँस दे-लोग कहते हैं "दिवाना है"

Friday 13 July 2012

यही सोच सोच के, हूँ परेशाँ.....

मुझको नहीं मालूम की  ........
ये मन कबसे बेगाना है !
मुझे उनकी सब खबर है लेकिन ..
वो कहते मुझे, अनजाना है !!
 
अब कहें जो , सो वो कहती रहे !
मुझको इसकी परवाह नहीं !!
वो प्यार करें या ना करें !
ये मन उनका , दीवाना है !!
 
मुझे उनकी सब खबर है लेकिन ..
वो कहते मुझे, अनजाना है !!
 
है कुछ भी नहीं , मगर फिर भी .......
मुझको एक विश्वास है..........
जो मिलके भी , मिल पता नहीं ........
होता वही क्यों खास है ...
यही सोच सोच के, हूँ परेशाँ.....
 वो अपना है , या बेगाना है ....
 
मुझे उनकी सब खबर है लेकिन ..
वो कहते मुझे, अनजाना है !!
 
 

Thursday 5 July 2012

आंसू भी क्या करते बेचारे , इनको बस बहना था.......

मैं कह नहीं पाया, मगर तुमको तो कहना था !
इस बेबस दिल में मेरे बस तुमको ही रहना था !!
 
जिंदगी में तुझको पाकर खुश था मैं भी , कभी !
तूफ़ान बेबसी का इस जिंदगी में , वो आया तभी !!
याद आती है , जब वो भयानक रात का मंजर !
आंसू भी क्या करते बेचारे , इनको बस बहना था !!
 
मैं कह नहीं पाया, मगर तुमको तो कहना था !
इस बेबस दिल में मेरे बस तुमको ही रहना था !!
 
 
 
 
 
 

Wednesday 13 June 2012

फिर शुरू जो हुआ , सिलसिला हादसों का ...

मेरे साथ रहा है एक खामोश लम्हा !
काफिला मेरे साथ, मगर रहा मैं तनहा !!

मैंने ये नज्मे  , तेरे नाम लिख दी !
हकीकत मैंने ये ,सरेआम कर   दी !!
मोह्हबत ये तेरी मिले , ना मिले !
जिंदगानी मैंने ये तेरे नाम कर दी !!

ये अश्को की बारिश , ये गमो का साया !
वो यादों का मौसम , जो संग संग बिताया !!
फिर शुरू जो हुआ , सिलसिला हादसों का !
हर पल तो फिर , दर्द ओ गम लेके आया !!

और यूं तो.........

मेरे साथ रहा है एक खामोश लम्हा !
काफिला मेरे साथ, मगर मैं रहा तनहा !!


Wednesday 6 June 2012

आज लिखने को कोई कहानी नहीं है..

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

यूं तो शब्दों की मेरे , कोई कीमत नहीं है !
मैं जिंदा भी हूँ , ये हकीकत नहीं है !!
यादों में तेरी जो बह चुके , मेरे आंसू !
वो आंसूं ही है , बहता पानी नहीं है !!

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

जिंदगी वैसे तो वीरान हो चुकी मेरी !
आशा बाकि है अभी , लौट आने की तेरी !!
जबसे गये हो तनहा हूँ , हो गया मैं !
अब मालुम हुआ , बिन तेरे जिंदगानी नहीं है !!

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

लिखता हूँ मैं , लोग कहने लगे है !
नहीं मालूम उन्हें शायद , लिखने के बहाने !!
हम ज़ख्मो को छुपाने लगे है !
यूं तो अलग भी नहीं है , ये कहानी मेरी !!
मगर फिर भी जानी - पहचानी नहीं है !

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

Friday 1 June 2012

इन अश्को की कुछ तो सुन लो...

अब मुझसे ही सब पूछोगे !
कुछ अपनी भी बतलाया करो !!
मैं तो यूँ ही तनहा खुश हूँ !
बस ख्वाबो में आ जाया करो !!
अफ़सोस, तुम मुझको मिले नहीं !
कुछ फूल , जो अब तक खिले नहीं !!
इन अश्को की कुछ तो सुन लो !
मुझे इतना न तडपाया करो !!
अब मुझसे ही सब पूछोगे !
कुछ अपनी भी बतलाया करो !!
मैं तो यूँ ही तनहा खुश हूँ !
बस ख्वाबो में आ जाया करो !!

Saturday 12 May 2012

मन ही मन , मन को समझाना पड़ता है..........

कभी कभी कुछ यूं , कर जाना पड़ता है !
रोते रोते भी , हंस जाना पड़ता है !!

अक्सर इतना तनहा हो जाता हूँ मैं !
चुप रह कर भी, सब कुछ कह जाता हूँ मैं !!
तकदीरे जब साथ नहीं देती मेरा !
मन ही मन , मन को समझाना पड़ता है !!

कभी कभी कुछ यूं , कर जाना पड़ता है !
रोते रोते भी , हंस जाना पड़ता है !!

अक्सर मुझको देखकर , वो शर्मा जाते है !
आँखों से होकर , जब हम दिल तक जाते है !!
अवगत है वो , मेरी इस नादानी से भी !
पर फिर , भी उनको ये बतलाना पड़ता है !!

कभी कभी कुछ यूं , कर जाना पड़ता है !
रोते रोते भी , हंस जाना पड़ता है !!

Thursday 10 May 2012

रो रो के कट गयी जिंदगी अपनी

दुआ नहीं तो गिला देता कोई ,
मेरी मेहनत का सिला देता कोई

जब मुक्कदर ही नहीं था अपना ,
देता भी तो भला क्या देता कोई

तक़दीर नहीं थी अगर आसमान छूना ,
खाक में ही मिला देता कोई

गुमान ही हो जाता किसी अपने का ,
दामन ही पकड़ कर हिला जाता कोई

अरसे से अटका है हिचकियो पे ,
अच्छा होता जो भुला देता कोई

ये तो रो रो के कट गयी जिंदगी अपनी ,
क्या होता अगर हंसा देता कोई

Monday 7 May 2012

मेरी ख़ामोशी , अक्सर वो सब कह जाती है....

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 
 
जब जब ये दिल तेरे पास होता है !
जिंदगी पर मुझको , और विश्वास होता है !!
वो जो कह नही पाया, आज तक मैं तुझसे !
मेरी ख़ामोशी , अक्सर वो सब कह जाती है !!
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 
 
तुझे सोचकर, अक्सर ये मन उदास होता है !
मुझे दिन में ख्वाब दिखाने का एहसास होता है !!
तुझको देखकर , "दिल ए अरमान" जग उठते है !
मगर फिर मेरे दिल की , दिल में ही रह जाती है !!
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 

Friday 4 May 2012

आज आगे हूँ.......

इस मतलबी इंसान से आगे हूँ ,!
इस बेरहम आसमान से आगे हूँ !!
हूँ कहाँ , ये तो जाने खुदा ......
मगर जहाँ कल था ------वहां से आज आगे हूँ !

Monday 30 April 2012

कुछ पास नही , खोने के लिए ......

सब कहते  है, खो जाएगा सब !
कुछ पास नही , खोने के लिए !!
ऊपर वाले ने , लिखा है जो !
सब होता है ,होने के लिए !!  
 
मेरी इसमें कोई खता नहीं !
ये वक़्त की सारी आंधी है !!
यहाँ कुछ दिन की आबादी है !
फिर चारो तरफ बर्बादी है !!
 
यहाँ खुशियाँ तो आती है मगर !
कुछ पल में वो चली जाती है !!
लूट कर, हमसे वो  हमको ही !
बस यादें वो दे जाती है !!
 
ये खुशियों का संसार नहीं !
बस गमो का , आना - जाना है !!
वो जीता है यहाँ खुश होकर !
जिसने गम को पहचाना है !!
 
मैं भी गम को, पहचान गया !
खुशियों का राज़ मैं जान गया !!
ना कोई शमा है यहाँ , ना परवाना है !
बस गम ही अपना ठिकाना है !!
 

Saturday 28 April 2012

याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए

उड़ चुकी थी नीद , और जागकर हम सो लिए !,
याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए !! 
 
था तन्हाई का तूफ़ान......
थी आंसुओ की बारिश .........
चेहरा तो हमने अपने ......
उन आंसुओ से धो लिए .......
 
उड़ चुकी थी नीद , और जागकर हम सो लिए !,
याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए !! 
 
एक इंतज़ार में तेरे ....
कब से खड़े थे दर पे ....
तू वफा कर, या बेवफाई ...
हम तो तेरे हो लिए ....
 
उड़ चुकी थी नीद , और जागकर हम सो लिए !,
याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए !! 
 

Thursday 26 April 2012

अब बचा नहीं, कुछ कहने को.......

अश्को का समुन्दर सुख गया !
अब बचा नहीं कुछ बहने को !!
मेरी ख़ामोशी सब कुछ कह गयी !
अब बचा नहीं कुछ कहने को !! 
 
कहने को तो, हमदर्द तुझे !
वो दिए जो मीठे दर्द मुझे !!
मुझे दर्द सभी अपने दे दे !
अब बचा नही कुछ सहने को !!
 
ये ख़ामोशी , ये तन्हाई !
नही साथ रही ,मेरी परछाई !!
यूं ही हाल पे , मेरे मुझको छोडो !
मैं जैसा हूँ , मुझे रहने दो !!
 
अश्को का समुन्दर सुख गया !
अब बचा नहीं कुछ बहने को !!
मेरी ख़ामोशी सब कुछ कह गयी !
अब बचा नहीं कुछ कहने को !! 
 
  

Friday 20 April 2012

इन लबों पे कहाँ अब हसीं आएँगी ..........

मुझसे पूछो जरा !
दर्द होता है क्या !! 
बिन तेरे ए सनम !
तनहा कैसे जिया !!
 
वो यादे तेरी मुझको तड़पायन्गी !
इन लबों पे कहाँ अब हसीं आएँगी !!
मुझको दिए जो तुने वो गम !
उन गमो का प्याला है मैंने पिया !!
 
मुझसे पूछो जरा !
दर्द होता है क्या !!
 
वो रातें भी कितनी हसीं थी यारा !
पाया था मैंने , जिनमे प्यार तुम्हारा !!
अपने आप से ही सहेम सा जाता हूँ मैं !
 इस कद्र तुने मुझको तोड़ दिया !!
 
मुझसे पूछो जरा !
दर्द होता है क्या !! 
बिन तेरे ए सनम !
तनहा कैसे जिया !!

Monday 9 April 2012

सुनो जरा तुम सुनकर जाना ..............

सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!
दुनिया हमसे रूठ भी जाये !
अपना कोई छुट भी जाये !!
चाहे जान हमारी ले लो !
रूठ के हमसे पर ना जाना !!
सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!
जब जब ख्वाबो में तुम आये !
हँसते रहे और , आंसू भर आये !!
निहारते रहे तुझको एक टक ही !
अचानक टुटा ख्वाब सुहाना !!
सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!
जिंदगी तेरे साथ ही जी ली !
बिछड़ के तुझसे थोड़ी पी ली !!
तेरी याद में इतना पी गये !
खाली हम  कर गये पैमाना !
सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!

Saturday 7 April 2012

एक अजनबी से प्यार ...........

मेरी जिंदगी में तेरे आते ही,  जैसे एक बेसहारा को सहारा मिल गया , एक डूबता को किनारा मिल गया , कितने सपने देखने लगा था मैं भी , ये जानते हुए की सपने सपने ही होते है ,चला था तुमको साथी बनाने मगर शायद किस्मत को ये मंजूर ना था ,याद है मुझको आज भी जब पहली बार देखा  था  तुमको , कितनी मासूमियत थी चेहरे पर तुम्हारे , वो सादगी भरा लिबास ,मुझको तुम्हारी और खीच ले गया .लेकिन हम मिल ना पाए , हाँ ....इंतज़ार तो तुम्हारा आज भी मुझको और यकीं भी  अगर जिंदगी ने साथ दिया  तो एक बार ये अजनबी ज़रूर मिलेंगे.वो खिलखिलाती  हसीं ..आज भी मेरी तन्हाई को झिझोंड देती है और मैं एक  बार फिर ४ वर्ष पहले फ्लेश बेक में चला  जाता हूँ  .और वहां ( खाव्बो में ) तुमको पाता हूँ.तुम तो शायद आज भी ना जानते होंगे मुझको, ना पहचानते होंगे मुझको.और मुझको भी तुम्हारा ना नाम मालूम है  , ना पता .बस एक अजीब सा रिश्ता है .उसी रिश्ते  के  सहारे  जी रहा हूँ , और सोचता हूँ की, की इस प्यार को मैं क्या नाम दूं. हमारे बीच रिश्ता  बनने से पहले  ही टूट गया तुझसे बिछड़ने के बाद , मुझे जिंदगी एक बोझ सी लगने लगी ..जैसे ही  मैं हार मानता ..तेरी  परछाई मेरे सामने आती और मुझे समझाती.की बस एक कदम और शर्मा जी  ..और मुझमे एक शक्ति  सी भर देती ! मैं फिर खड़ा होता और निकल  पड़ता जिंदगी की  खोज में !  तुमसे मेरा कोई रिश्ता ना होकर भी अक अनोखा रिश्ता बन गया ,आज उन्ही को शब्दों  की माला में पिरोकर  लिख रहा हूँ    !  जाने कितनी ही कोशिश की तेरे दीदार की ...मगर अफशोश ये मुमकिन  ना हो  सका  . और आज भी ये आँखें तेरा ही करती है ...........इंतज़ार इंतज़ार इंतज़ार .............कभी तो मिल जाना यार ...................
 
नोट : ये एक सच्ची घटना है. एक बार ज़रूर पढना ! ब्लॉग पर आकर समय देने के लिए धन्यवाद !

Thursday 5 April 2012

क्या आपके जीवन में ऐसा हुआ है .....

प्यार .......
लोग बहुत प्यार करते है आजकल , जिन्हें ये भी नहीं पता , की प्यार होता क्या है !
बस किसी के प्रति आकर्षण हुआ , और बस हो गया प्यार ........
दोस्तों अगर ये ही प्यार होता है तो क्यों आज के ज़माने में ऐसे दीवाने सामने नही आये ......
जो .....
रोमियो जूलियट की तरह थे ..
लैला मजनू की तरह थे ...
सोनी महिवाल की तरह थे ...
क्योंकि ये प्यार नही , किसी सुन्दर वास्तु के प्रति आकर्षण है ..
जिसको हम लोग जान पूछकर प्यार का नाम देने लगते है ,......
पता तो हमको भी नहीं की ये प्यार क्या है .....
ये कैसा है ..... की पता न होते हुए भी सब इसको पाना चाहते है .
लेकिन प्यार सदियों में किसी नसीब वाले का दरवाजा खटखटाता है ....
प्यार एक सुन्दर एहसास है ...
जो हर किसी को जीवन में एक बार होता है .....
चाहे वो किसी से भी क्यों ना हो ...
जो लोग प्यार में होते है , उनकी दुनिया रंगीन होती है ....
लेकिन इसमें जुदाई आ जाये तो .....
दीवानों की हर शाम गमगीन होती है ....
क्या आपके जीवन में ऐसा हुआ है .
कोई ख्वाब कभी अनछुआ रहा है ...
क्या कभी किसी दिल ने आपसे कुछ कहा है ...
अगर कुछ मानते हो मुझको तो बताओ.........
क्या तुमको कभी किसी से प्यार हुआ है........... 

Wednesday 4 April 2012

समझ गया मैं तेरी उदासी को..............

जिंदगी ,,,,, हाँ
जिंदगी ही तो है ..........
मगर आज ना जाने क्यों कुछ उदासी है इसमें.
आखिर ऐसा क्या हुआ इसके साथ ....
ये तो कभी ऐसी नही रहती थी......
हर  पल चेह्चाहती रहती ........
रोते हुए को भी हंसा देती.......
मगर आज चेहरे पर क्यों सूनापन है .....
क्यों आज इसके लब खामोश है ......
कहीं कोई रूठा तो नहीं है .......
कोई ख्वाब टुटा तो नहीं है ........
लेकिन मैं तो बहुत करीबी दोस्त हूँ इसका ......
इसने कभी हार नहीं मानी......
बड़ी से बड़ी मुश्किल इसे डिगा नहीं पाई ...
फिर आज ये ख़ामोशी .......क्या राज़  हो सकता है ......
सुनो तुम........
मुझसे नहीं बताओगी.........
इस हँसते हुए चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती.....
हंसो ना ......
जिंदगी (रोते हुए )........
अब कैसे हंसू ......किसकी खातिर हंसू ........
अब कोई मुझे खुसी से नही जीता ......
एक बार समझने लायक हुए ,,,,,,की इस पैसे के लिए ...
मुझको कमाने लग जाते है ......
और पैसे की इस अंधी दोड़ में , मुझको ही नहीं , अपने अपनों को भूल जाते है .....
कैसा रहता है वो बचपन .........वो कहानी ......वो किस्से ......
जवानी में आते ही सब झूठे सिद्ध हो जाते है ..........
सब इस बेरन जवानी पर इठलाते है ......
मगर अंत में कुछ हाथ नहीं आता ,,,,,,,,,
मनुष्य खाली हाथ ही ... लौट जाता है
सिर्फ खाली ............
मैं बोला .........बस समझ गया मैं तेरी उदासी को..............
तेरी रूह प्यार की प्यासी को ..........
 
अगर कुछ गलत लिख दिया गया हो तो ,,,,,,माफ़ी चाहते है

Saturday 31 March 2012

मेरे ख्वाबो को देखो यारो , कैसी ये सौगात मिली....

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
मेरे ख्वाबो को देखो यारो , कैसी ये सौगात मिली !
माँगा था रोशन जहाँ , मुझको अंधियारी रात मिली !!
 
ये पागल मन भी देखो , यूं बन बैठा दीवाना !
लाख समझाने पर भी , ये मेरी एक ना माना !!
 
कसूर नहीं था उसका भी , इलज़ाम क्यों मैं उसको दूँ !
अब वादे, यादे पास नहीं ,उस तूफां का हिसाब किसको दूँ !!
 
अब मिलना जुलना , भी देखो कैसा है दुशवार हुआ !
इश्क हुआ था तब मुझको , क्यों अब तक ना इज़हार हुआ !!
 
यूं देख देख कर ही तुमको , मन की बैचनी बढती थी !
शायद तुम भी सोच कर मुझको, एक ख्वाब नया सा घढती थी !!
 
पर मंजिल हम प्यार की चढ़ ना सके !
वो सपने भी सच हो ना सके !!
 
हमारे प्यार का दुश्मन , ये सारा संसार हुआ !
जिधर को निकला मैं , उधर न्यारी ही बात मिली !!
 
मेरे ख्वाबो को देखो यारो , कैसी ये सौगात मिली !
माँगा था रोशन जहाँ , मुझको अंधियारी रात मिली !!