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Friday 30 March 2012

हर दर्द को ऐसे सहते है , न जाने कितने मीठे है ..........

लोग इस जिंदगी में जाने कितनी जिंदगी जीते है !
सुखो की आशा लिए ,बस दुखो के घूंट ही  पीते है !! 
 
सोचते सभी है , इस दुनिया में कुछ कर के जाना !
चाहते है , सभी इस दुनिया में नाम कमाना !!
 
इस मतलब की दुनिया में , ये मुमकिन न हो सका !
इस चलती फिरती दुनिया में , बस कोई भी नही रुका !!
 
अब इन दुखो के भईया , दोषी तो खुद ही बन बैठे !
हालात ऐसे है कुछ, अब हर बेटा बापू पर ऐठे !!
 
पर है कुछ ऐसे भी बेटे,बापू के जख्म जो सीते है ! 
हर दर्द को ऐसे सहते है , न जाने कितने मीठे है !!
 
लोग इस जिंदगी में जाने कितनी जिंदगी जीते है !
सुखो की आशा लिए ,बस दुखो के घूंट ही  पीते है !! 
 

2 comments:

  1. पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...

    .........रचना के लिए बधाई स्वीकारें.

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  2. .................बहुत सुंदर
    पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ

    मैं ब्लॉगजगत में नया हूँ कृपया मेरा मार्ग दर्शन करे
    http://rajkumarchuhan.blogspot.in

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पी के ''तनहा''