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Saturday 12 May 2012

मन ही मन , मन को समझाना पड़ता है..........

कभी कभी कुछ यूं , कर जाना पड़ता है !
रोते रोते भी , हंस जाना पड़ता है !!

अक्सर इतना तनहा हो जाता हूँ मैं !
चुप रह कर भी, सब कुछ कह जाता हूँ मैं !!
तकदीरे जब साथ नहीं देती मेरा !
मन ही मन , मन को समझाना पड़ता है !!

कभी कभी कुछ यूं , कर जाना पड़ता है !
रोते रोते भी , हंस जाना पड़ता है !!

अक्सर मुझको देखकर , वो शर्मा जाते है !
आँखों से होकर , जब हम दिल तक जाते है !!
अवगत है वो , मेरी इस नादानी से भी !
पर फिर , भी उनको ये बतलाना पड़ता है !!

कभी कभी कुछ यूं , कर जाना पड़ता है !
रोते रोते भी , हंस जाना पड़ता है !!

Thursday 10 May 2012

रो रो के कट गयी जिंदगी अपनी

दुआ नहीं तो गिला देता कोई ,
मेरी मेहनत का सिला देता कोई

जब मुक्कदर ही नहीं था अपना ,
देता भी तो भला क्या देता कोई

तक़दीर नहीं थी अगर आसमान छूना ,
खाक में ही मिला देता कोई

गुमान ही हो जाता किसी अपने का ,
दामन ही पकड़ कर हिला जाता कोई

अरसे से अटका है हिचकियो पे ,
अच्छा होता जो भुला देता कोई

ये तो रो रो के कट गयी जिंदगी अपनी ,
क्या होता अगर हंसा देता कोई

Monday 7 May 2012

मेरी ख़ामोशी , अक्सर वो सब कह जाती है....

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 
 
जब जब ये दिल तेरे पास होता है !
जिंदगी पर मुझको , और विश्वास होता है !!
वो जो कह नही पाया, आज तक मैं तुझसे !
मेरी ख़ामोशी , अक्सर वो सब कह जाती है !!
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 
 
तुझे सोचकर, अक्सर ये मन उदास होता है !
मुझे दिन में ख्वाब दिखाने का एहसास होता है !!
तुझको देखकर , "दिल ए अरमान" जग उठते है !
मगर फिर मेरे दिल की , दिल में ही रह जाती है !!
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 

Friday 4 May 2012

आज आगे हूँ.......

इस मतलबी इंसान से आगे हूँ ,!
इस बेरहम आसमान से आगे हूँ !!
हूँ कहाँ , ये तो जाने खुदा ......
मगर जहाँ कल था ------वहां से आज आगे हूँ !