Pages

Monday 7 May 2012

मेरी ख़ामोशी , अक्सर वो सब कह जाती है....

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 
 
जब जब ये दिल तेरे पास होता है !
जिंदगी पर मुझको , और विश्वास होता है !!
वो जो कह नही पाया, आज तक मैं तुझसे !
मेरी ख़ामोशी , अक्सर वो सब कह जाती है !!
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 
 
तुझे सोचकर, अक्सर ये मन उदास होता है !
मुझे दिन में ख्वाब दिखाने का एहसास होता है !!
तुझको देखकर , "दिल ए अरमान" जग उठते है !
मगर फिर मेरे दिल की , दिल में ही रह जाती है !!
 
बेख्यालो में अक्सर याद , जब तेरी आ जाती है !
इन आँखों से नीर की , नदिया बह जाती है !! 

No comments:

Post a Comment

आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''