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Thursday 6 September 2012

ना बन पाई कोई कहानी ....

तुमको सुना रहा हूँ , एक प्यार की कहानी !
सूरत से आप जैसे, मेरे यार की कहानी !! मेरठ शहर वो आया, अरमां अपने लेकर ! अपनों को छोड़ आया,अपनों से दूर होकर !! वो शहर रोज़ आता , कुछ बनने के वास्ते ! मंजिल बहुत कड़ी थी, मुश्किल थे रास्तें !! रोज़ नई सड़क पे जाकर , करता था इंतज़ार ! उसको खबर नही थी , यूँ हो जायेगा प्यार !! एक मासूम सी लडकी, थी पास से गुजरती ! मेरे यार की निगाहें, उस पर थी अटकती !! एक दिन मुझे बुलाकर , कुछ यूँ करके बोला ! मुझे प्यार हो गया है , ये राज़ मुझसे खोला !! समझाया मैंने उसको, तुने ये क्या किया ! तू जानता है उसको , जिसको ये दिल दिया !! बोला वो की , उसका कुछ भी पता नहीं है ! नादाँ है वो इतनी , मेरी खता नहीं है !! बिन उसके अब मुझसे, जिया नही जायेगा ! देखना एक दिन, प्यार मेरा रंग लायेगा !! होकर उदास मैं बोला , सच्चा है तू दीवाना !पर सच्चे प्यार को पगले,किसने यहाँ पहचाना !! खुदा करे प्यार तेरा, तुझको यारा मिल जाये ! तेरे लिए उसके दिल में , फूल प्यार के खिल जाये !! पर किस्मत ही कुछ ऐसी थी,ना इज़हार हुआ , इकरार हुआ ! मोह्हबत में, मेरे यार का जीना भी दुश्वार हुआ !! तुम ही बताओ यारो , किसकी खता बताऊ ! इन अंजानो, दीवानों में, किसको सजा सुनाऊ!! ना दोनों मिल पाए, ना बन पाई कोई कहानी ! पलकों पर है उसका चेहरा, और आँखों में बहता पानी !!
BY : PK SHARMA

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर..
    सुन्दर चित्रण किया है आपने...
    बहुत बढ़िया...
    :-)

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  2. बहुत अच्छे शर्मा जी....
    टेक्स्ट साइज़ थोड़ा बड़ा कीजिये....पढ़ना मुश्किल है..

    अनु

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पी के ''तनहा''