Pages

Friday 5 April 2013

लबो ने रोका , और ख़ामोशी ने बोल दिया ........

लबो ने रोका , और ख़ामोशी ने बोल दिया !
''राज़ ए दिल'' भरी महफ़िल में खोल दिया  !!
बहुत समझाया, मैंने, मत कुरेद दिल के ज़ख्म !
नहीं माना ये मन, ''दिल ए ज़ख्म'' कुरेद दिया !!

पी के ''तनहा''

No comments:

Post a Comment

आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''