मोम की माफिक हूँ, पल भर में पिघल जाऊंगा !
जरा भी आग लगी दिल में, तो जल जाऊंगा !!
मैं बहते पानी की तरह हो गया हूँ , साहेब !
जिस भी आकार में ढ़ालोगे मुझको, ढल जाऊंगा !!
पी के ''तनहा''
जरा भी आग लगी दिल में, तो जल जाऊंगा !!
मैं बहते पानी की तरह हो गया हूँ , साहेब !
जिस भी आकार में ढ़ालोगे मुझको, ढल जाऊंगा !!
पी के ''तनहा''