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Friday 13 May 2016

जो सच हो जाये, वो होते ही कहां है सपने

मैंने कुछ यूँ करके, दिल को समझाया अपने !
जो सच हो जाये, वो होते ही कहां है सपने !!

पी के ''तनहा''

बेजुबान जज्बात

ज़िंदगी और हसीं लगने लगती है !
जब बेजुबान जज्बात, कलम से कागज़ पे उतरने लगते है !!

पी के ''तनहा''

Saturday 7 May 2016

कुछ इस तरह से सजा दे रही है ज़िंदगी....

कुछ इस तरह से सजा दे रही है ज़िंदगी !
मैं मुददत से, अपनी खता ढूंढ रहा हूँ !!
पी के ''तनहा''

Wednesday 4 May 2016

तुझसे जुदा हो जाऊ, ऐसी औकात कहां.....

आज एक अजीब सा गुनाह कर रहा हूँ !
मालूम नहीं सही या गलत कर रहा हूँ !!
तुझसे जुदा हो जाऊ, ऐसी औकात कहां !
मैं खुद को खुद से जुदा कर रहा हूँ !!

पी के ''तनहा''